हनुमान जी की आरती » Hanuman Ji Ki Aarti

हनुमान जी की आरती भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह भक्तों को उनके आराध्य देवता हनुमान जी की पूजा करने का अवसर देती है। हनुमान जी भगवान राम के सबसे वफादार भक्त हैं और उनकी यही खूबी उन्हें अपने भक्तों के हर कठिनाई से निपटने की शक्ति देते हैं।

हनुमान जी की आरती जो कि रचना तुलसीदास जी द्वारा की गई थी, इसे करने से भक्तों को बहुत से आशीर्वाद मिलते हैं। यह आरती हनुमान जी के गुणों की महिमा को गाती है और उनके भक्तों को उनकी कृपा प्राप्त करने का अवसर देती है।

आरती के लिए भक्तों को एक प्रसन्न मन और शुद्ध हृदय की आवश्यकता होती है। यह आरती हर दिन सुबह और शाम की आरती के समय की गाई जाती है। साथ ही हर मंगलवार और शनिवार के साथ हर माह के पूर्णिमा को इस आरती का पढ़ने से अत्यंत लाभ होता है। हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्तों को रोज इस आरती का पाठ करना चाहिए।

आरती की शुरुआत जय हनुमान ज्ञान गुण सागर के श्लोक से होती है। इसके बाद आरती में हनुमान जी के गुणों की प्रशंसा की गई है। आरती के अंत में हम श्री हनुमान जी की कृपा पाने के लिए भक्त उनसे आशीर्वाद मांगते हैं। इस आरती को पढ़ने से हमारे मन में भक्ति का उत्साह जागृत होता है और हम श्री हनुमान जी के द्वारा समस्त कष्टों से मुक्ति की प्राप्ति का आश्वासन ले सकते हैं।

इस आरती को पढ़ने से पहले हमें इसे समझने की भी आवश्यकता होती है। हमें यह जानना चाहिए कि हनुमान जी कौन हैं, उनके क्या गुण हैं और उनकी पूजा के फायदे क्या होते हैं। हनुमान जी की पूजा से न केवल हमारे दुःख दूर होते हैं बल्कि हमें उनकी कृपा से शुभ फल प्राप्त होते हैं।

इसलिए, हनुमान जी की आरती को नियमित रूप से पढ़ने से हमारे जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद मिलता है। हमें इस आरती का पाठ न केवल अपने बल्कि अपने परिवार और मित्रों के साथ भी करना चाहिए।

हनुमान जी की आरती » Hanuman Ji Ki Aarti

॥ श्री हनुमंत स्तुति ॥
मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् !!
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,
श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥

॥ आरती ॥
आरती कीजै हनुमान लला की !
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की !!

जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की !!

दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥

लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की !!

पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की !!

सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥

जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
॥ इति संपूर्णंम् ॥

Hanuman Ji Ki Aarti Video » हनुमान जी की आरती के वीडियो

हनुमान जी की आरती के फ़ायदे

हनुमान जी की आरती को पढ़ने के कई फ़ायदे होते हैं। यह आरती हमारे जीवन को सकारात्मक तरीके से प्रभावित करती है और हमें निम्नलिखित फायदों से लाभ प्रदान करती है:

  1. दुःख दूर करने का आशीर्वाद: हनुमान जी की आरती को पढ़ने से हमारे जीवन में आने वाले सभी दुःख दूर हो जाते हैं। इसके अलावा यह हमारे मन को शांति देती है और हमें सुख देती है।
  2. दुर्भाग्य और बुरी नजर से बचाव: हनुमान जी की आरती को पढ़ने से हमारी ज़िन्दगी में कोई भी दुर्भाग्य नहीं आता और हमें बुरी नजर से भी बचाती है।
  3. समृद्धि और सफलता का प्राप्ति: हनुमान जी की आरती को पढ़ने से हमारे जीवन में समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद मिलता है। यह हमारे उद्यम, व्यापार, करियर आदि में सफलता प्रदान करती है।
  4. शारीरिक संतुलन और स्वस्थता के लिए: हनुमान जी की आरती को पढ़ने से हमारे शारीरिक संतुलन और स्वस्थता भी सुधारते हैं। इससे हमारे शरीर की बीमारियों से दूरी बनती है।

हनुमान जी की आरती के फ़ायदे/लाभ की पूरी जानकारी के लिए इस आर्टिकल को पढ़ें: हनुमान आरती के लाभ » हनुमान आरती के फायदे – मन, शरीर और आत्मा के लिए लाभ

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