दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के मायापुरी में बन रहा है। यह मंदिर वैदिक तारामंडल (Vedic Planetarium) के नाम से जाना जाएगा। यह मंदिर 100 एकड़ के क्षेत्र में फैला होगा और इसकी ऊंचाई 113 मीटर होगी। मंदिर में भगवान कृष्ण और अन्य हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी।
मंदिर के निर्माण की शुरुआत 2015 में हुई थी और इसे 2023 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। हालांकि, कोरोना महामारी के कारण निर्माण कार्य में कुछ विलंब हुआ है। वर्तमान में मंदिर का निर्माण कार्य लगभग 90% पूरा हो चुका है और इसे 2024 में पूरा होने की संभावना है।

मंदिर के निर्माण के लिए कुल लागत लगभग 10,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। मंदिर का निर्माण श्रीकृष्ण प्रणामी मिशन द्वारा किया जा रहा है।
मंदिर की वास्तुकला अत्यंत सुंदर और भव्य होगी। मंदिर का मुख्य गुंबद सोने से मढ़ा जाएगा और इसमें 20,000 दीप जलाए जा सकेंगे। मंदिर में एक विशाल ऑडिटोरियम भी होगा, जिसमें 10,000 लोगों के बैठने की क्षमता होगी।
मंदिर का निर्माण इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) द्वारा किया जा रहा है। इस्कॉन एक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक संगठन है, जिसका मुख्यालय भारत के मैसूर शहर में स्थित है।
वैदिक तारामंडल मंदिर के निर्माण से भारत के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह मंदिर दुनिया भर के हिंदू और अन्य धर्मावलंबियों को आकर्षित करेगा।
मंदिर के निर्माण से संबंधित कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी इस प्रकार है:
- मंदिर की कुल लागत 100 मिलियन डॉलर है।
- मंदिर में 10,000 से अधिक श्रमिकों ने काम किया है।
- मंदिर में 100 से अधिक कलाकारों और शिल्पकारों ने काम किया है।
- मंदिर में 100,000 से अधिक टन पत्थर और ईंट का उपयोग किया गया है।
- मंदिर में 10,000 से अधिक खिड़कियां और दरवाजे हैं।
- मंदिर में 10,000 से अधिक दीप हैं।
- मंदिर में 100 से अधिक भित्ति चित्र हैं।
वैदिक तारामंडल मंदिर दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक होगा और यह भारत की एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत होगी।